शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

आह! कि अद्भुत!

आह! कि अद्भुत!
➖ ➖ ➖
माए क दूध संग
नेनपनहि स
पढ़ाओल गेल छलैन
एक टा पाठ ➖
''बांग्लार जल आर बांग्लार फल''
अपन माए संग ओ आएल छला
बंगाली स्वजन मिथिला में
मिथिला में, मिथिला माने
हुनकर मंसूबे, सीता क नैहर

जाइत काल दुनू गोटे
कहैत जाय गेला
➖ कि अद्भुत मिथिला क पानि!

कोना नञ नीक लगैत!
नीक लागल बहुतहि!
ताञ कहै छी ➖
आह कि अद्भुत
मिथिला क पानि!

पानि माने!
कर जोरि विनैम कहै छी
पानि माने त
अहां बुझिते छिऐ बिधाता!
बस आह
कि अद्भुत मिथिला क पानि!

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