रविवार, 17 सितंबर 2017

अहू लाट मे एलखिन नै बंबैया

अहू लाट मे एलखिन नै बंबैया
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एक त भौजी गोरे बड़
ऊपर स राति इजोरिया
बाढ़ि-पानि मे छप्पर-छैंया
मुुरुछल छैन ठोर सिनुरिया
अहू लाट मे एलखिन नै बंबैया


एक त भौजी गोरे बड़
ऊपर स राति इजोरिया

सात सेहनते भर लैन खोंइछा
सिनुर टिकुली धिप्पल मन पर
गरम तेल मे पचफोरना जेना पड़ैया

लुग्गा-लता अनका हाथे ठीक पठौलैन
ककरा लेल आब एकरा के पहिरैया

बात-बात पर बुच्ची बौआ खूब रुसैया
बूढ माए अथबल बाप हुनका नै सम्हरैया

कैंचा-टाका क हाल त बूझे जे करे कमैया
अहू लाट मे एलखिन नै बंबैया
ई मुहझौंसा छने-छने लाइन कटैया
हँसैत रहै छैथ जेना लबका नोट दू हजरिया
फेर पुछतैन के जे धुरखुर लागि किए मोन कनैया
मन खौंझाइल ज 
अजबारल त टबरे दूर रहैया

एक त भौजी गोरे बड़
ऊपर स राति इजोरिया

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