बुधवार, 18 मई 2016

ई, अजगुत

ई, अजगुत जे
ताकि रहल छी
नवका ठौर ठिकाना
नञ नञ गाम नञ हराएल
ज कही त छी हमहि भुतलाएल
की कहू कोना फुराएल
ज अपने स रहल पराएल
ई बूझल ऐ अछि त किए अछि
मुहँ झमाएल मन खौंझाएल

गाम आएल छी
ई अजगुत जे
पटना दिल्ली एत ओत स
लोक पूछैए, 'कहाँ हैं!'
कहि दैत छियै - - बेधड़क
'बाहर हैं, घर लौटकर बात करते हैं'

ई, अजगुत जे
गाम आएल छी,
माने, कोइलख में कोलख्यान!
आ बेधड़क कहै छियै जे,
बाहर हैं.!

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